Gajendra Moksh Path|गजेन्द्र मोक्ष पाठ
श्रीशुक उवाच ” एवं व्यवसितो बुद्ध्या समाधाय मनो ह्रदि । जजाप परमं जाप्यं प्राक्जन्मन्यनुशिक्षितम् ॥ ” १ ॥ गजेन्द्र उवाच ” ॐ …
श्रीशुक उवाच ” एवं व्यवसितो बुद्ध्या समाधाय मनो ह्रदि । जजाप परमं जाप्यं प्राक्जन्मन्यनुशिक्षितम् ॥ ” १ ॥ गजेन्द्र उवाच ” ॐ …