What is Gemstones and How it Works? | रत्न क्या है और कैसे काम करते है ?

रत्न खनिज , चट्टाने एवं एक प्रकार के कार्बनिक पदार्थ हैं जिन्हें उनकी सुंदरता कठोरता एवं दुर्लभता के लिए चुना जाता है हालांकि रत्न बहुत कठोर होते हैं किंतु कुछ अत्यधिक नर्म नाजुक भी होते हैं रत्न को मणि पत्थर भी कहते हैं रत्न हमें पृथ्वी के भीतर चट्टानों में या खदानों में एक प्रकार के कच्चे पदार्थ के रूप में प्राप्त होते हैं जिनको बाद में तराश कर एक सुंदर आकृति दी जाती है कुछ रत्न कांच के जैसे होते हैं कुछ हमें समुद्री शैवाल से प्राप्त होते हैं रत्न विभिन्न प्रकार के रंगों में पाए जाते हैं जिनको तराश कर खूबसूरत आकृति में ढाला जाता है ऐसा माना जाता है कि रत्न हमारे ऊपर ग्रहों द्वारा पड़ने वाले सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव को घटा या बढ़ा सकते हैं इसके लिए रत्न अंगूठी आदि में इस प्रकार जड़वाए जाते हैं कि उनकी निचली सतह शरीर को स्पर्श करे और शिखर के माध्यम से किरणें शरीर में समाविष्ट हो सकें। इसलिए इनकी उपयोगिता और अधिक बढ़ जाती है कोई भी रत्न ज्योतिष की सलाह के बिना नहीं पहनना चाहिए|

Color of Gemstone and form | रत्नों के रंग रूप

रत्न सुंदरता में विभिन्न प्रकार के हो सकते हैं और इन के रंगों में एक अद्भुत चमक होती है जिस समय यह कच्चे पदार्थ के रूप में होते हैं तब इनके रंगों में वह सुंदरता और चमक नहीं पाई जाती लेकिन इनको तराशने के बाद यह एक पुष्प के समान  खिल उठते हैं जब इनको छोटे टुकड़ों में काटा जाता है तब यह है चट्टान रूपी पत्थर हमें कंकड़ रूप में दिखाई देते हैं लेकिन एक कुशल कारीगर जब इनको तराशना शुरू करता है तब यह धीरे-धीरे अब एक सुंदर रूप लेते जाते हैं,  रत्नों को उनके रंग  वह चमक के आधार पर चुन लिया जाता है यही रंग वह चमक उनका मूल्य निर्धारित करने में सहायक होते हैं यह विभिन्न रंगों में हो सकते हैं जैसे लाल, पीला, नीला, हरा या पारदर्शी, सफेद, नारंगी, जामुन के रंग जैसे इत्यादि |

Clarity of a Gemstone |रत्न की पारदर्शिता व् स्पष्टता

पृथ्वी की सतह के नीचे अथवा चट्टानों के घर्षण के कारण खनिजों के विलय रूप में बनने की वजह से इन रत्नों के भीतर किसी प्रकार के खनिजों निशान व धारीया दिख सकती हैं जिसको माइक्रोस्कोप से भलीभांति देखा जा सकता है यह रत्न हमें भूवैज्ञानिक स्थिति के बारे में भी बता सकते हैं कि यह किन-किन कड़ी प्रक्रियाओं से गुजरा होगा और इसकी उत्पत्ति किस प्रकार हुई है माइक्रोस्कोप से सूक्ष्म निरीक्षण करके यह भी पता लगाया जा सकता है कि रत्न प्राकृतिक है या इस को कृत्रिम रूप से बनाया गया है कृत्रिम रूप से बने रत्न किसी काम के नहीं होते वह सिर्फ एक सजावट का सामान बन कर रह जाते हैं परंतु प्राकृतिक रूप से निर्मित रत्न आपके जीवन पर बहुत गहरा प्रभाव डालते हैं पन्ना जैसे रत्न में कृत्रिम उपायों का प्रयोग सरलता से किया जा सकता है इसका चुनाव बहुत ही सावधानीपूर्वक करना चाहिए अतः इसकी अपेक्षा पुखराज व एकवामरीन में कृत्रिम प्रयोग करना इतना सरल नहीं है |

Shapes of Gemstone | रत्नों के आकर 

रत्नों को आकार देकर और  विशिष्ट प्रकार से उनको काटकर उसकी सुंदरता को और अधिक बढ़ाया जा सकता है रत्न को दो प्रकार से काटा जाता है एक विधि को कबोचन विधि कहते है इस विधि में  एक तरफ चिकना गोल शीर्ष होता है  और दूसरी तरफ एक सपाट  आधार होता है इस प्रक्रिया का प्रयोग नरम रत्नों के ऊपर किया जाता है इसके अलावा दूसरी विधि को  फेशियल विधि कहते हैं जिसमें रत्न के कई सारे फेस या मुख बनाए जाते हैं  जिससे उसको सुंदर आकार दिया जा सके और उसमें अधिक से अधिक रोशनी का समावेश किया जा सके,रत्न गोल,अंडाकार, चौकोर, तिकोने, लंबे आकार में हो सकते हैं, जिस पत्थर को काटा गया हो चमकाया गया हो पॉलिश के आगे हो उसी को रत्न या गहना कहा जाता है

Gemstone In Carat | रत्न का भार करने इस इकाई

भारतीय प्राचीन संस्कृति में वजन की इकाई को मापने के लिए बहुत सारी मापदंड इकाई प्रचलित थी जिनमें से ग्राम (Gm), शेर (Ser),  माशा (Masha), तोला ( Tola ) व रति  (Ratti ) प्रमुखता से प्रचलित थी परंतु समय के साथ-साथ इसमें परिवर्तन होता गया और आज के समय में बड़ी इकाई को मापने के लिए किलोग्राम (Kg) वह कुंतल ( Quintal) काम में आने लगा तथा छोटे सामानों को मापने के लिए मिली ग्राम ग्राम तथा रत्नों को मापने के लिए कैरेट का प्रयोग किया जाने लगा क्योंकि यहां हम रत्नों की बात कर रहे हैं इसलिए रत्नों को मापने के लिए कैरेट का प्रयोग किया जाता है जिसकी गणना नीचे दी गई है

 1 Gram1000 Milligram
200 Milligram1 Carat
182.25 Milligram1 Ratti
1 Ratti0.91 Carat 
Weight and Measurement for Gemstone

Hardness Of Gemstone | रत्न की कठोरता

जैसा कि हम आपको बता चुके हैं कि कुछ रतन बहुत नरम होते हैं और कुछ रत्न अत्यधिक कठोर होते हैं रत्न को तराशते समय या तराशने  के बाद जब किसी व्यक्ति द्वारा प्रयोग किया जाता है उस समय यह रत्ना कितने समय तक आगे चलने वाला  है यह उसकी कठोरता पर ही निर्भर करता है जो रत्न जितना अधिक कठोर होगा उसके उतना ही समय तक बिना भद्दे हुए चलने की संभावना अधिक रहेगी , खनिज विद्या में निपुण जर्मनी के एक व्यक्ति जिनका नाम फ्रेडरिक मोह है उन्होंने अपने प्रयोग से इन रत्नों को एक से लेकर दस तक इनकी कठोरता के आधार पर वरीयता प्रदान की जिसके द्वारा यह आसानी से जाना जा सकता है कि कौन सा रत्न कितना नाजुक है और कौन सा रत्न कितना कठोर है यह तालिका आपको नीचे दी जा रही है 

Mineral NameScale Number
Diamond         10
Corundum          9
Topaz          8
Quartz          7
Orthoclase          6
Apatite          5
Fluorite          4
Calcite          3
Gypsum          2
Talc          1
Fredrich Mohs Table for Gem Hardness

Gemstone Formation Process | रत्नों का निर्माण

रत्न निर्माण कोई  दो या चार वर्षों या  दशकों में बनने वाली प्रक्रिया नहीं है , हजारों लाखों साल में है प्रक्रिया होने के बाद रत्नों का निर्माण भूमि के सबसे निचले हिस्से के अंदर होता है हमारे पृथ्वी जो लगभग 5 अरब वर्ष पुरानी है पृथ्वी पर 3 से लेकर 30 मील तक गहराई में विभिन्न तरह की परते हैं जिनमें से कुछ चट्टाने हैं कुछ रेतीली है कुछ मिट्टी है तथा कुछ खनिजों और लोह तत्व की है,  यह भी हमें ज्ञात है कि पृथ्वी के केंद्र में एक अति मजबूत  कोर है अधिकांश रत्न पृथ्वी की परतों के बीच में खनिजों के रूप में पाए जाते हैं यह रत्ना पृथ्वी पर पड़ने वाले अत्यधिक गर्मी और दबाव के कारण ठोस से द्रव तथा फिर द्रव से ठोस अवस्था में परिवर्तित होते हैं जो विभिन्न प्रकार के खनिजों का समावेश किए हुए होते हैं जिसके कारण इनमें कई सारे प्राकृतिक गुण विकसित हो जाते हैं रत्नों का सीधा संबंध आकाश मंडल में स्थित ग्रहों से माना जाता है कुछ खास प्रकार के ग्रह खास प्रकार के खनिज और रत्नों पर अपना विशेष प्रभाव रखते हैं जिसका हमारे ऋषि-मुनियों ने ग्रंथों में बहुत अच्छी प्रकार से समझाया है जिसकी संपूर्ण जानकारी आपको हम इसी पोर्टल पर अपने अलग-अलग लेखो में देंगे |

Precious and Semi-Precious Gemstones | कीमती और अर्द्ध कीमती रत्न

रत्नों का मूल्यांकन करने के लिए उन को दो भागों में बांटा गया है जिसमें एक तरफ कीमती रत्न आते हैं और दूसरी तरफ अर्ध कीमती रत्न आते हैं यह कीमती रत्न बहुत ही दुर्लभ होते  वह इनको तराशना अत्यधिक कठिन होता है तथा इनको और भी अधिक मूल्यवान बनाने के इनको एक विशेष प्रकार से ढाला  गया होता है इन कीमती रत्नों में इनके आकार के अतिरिक्त इन्हीं गुणवत्ता में भी सभी प्रकार से सुधार किया जाता है रत्नों में इनकी गुणवत्ता का पता इनकी चमक तथा प्रकाश अवशोषित करने की क्षमता व् इनका आकार और इन्हीं कठोरता तथा अन्य कई सारे तत्व पर निर्भर होता है जबकि इसके अलावा जो रत्न अर्ध कीमती होते हैं उनमें केवल एक या दो गुण ही पाए जाते हैं 

हीरा, माणिक, पन्ना तथा पुखराज यह रत्ना कीमती रत्नों में आते हैं इनके अलावा सारे रत्न अर्ध कीमती की श्रेणी में आते हैं |

Natural Gemstones | प्राकर्तिक रत्न

प्राकृतिक रत्न वह होता है जिसमें खनिज लवण या कार्बनिक पदार्थ ठोस पत्थर के रूप में पाया जाता हैं अति दुर्लभ होता है जिसको पृथ्वी की परतों से निकालकर काटा या तराशा और चमकाया जाता है वह ज्योतिषीय सलाह पर धारण किया जा सकता है तथा आभूषण के रूप में भी प्रयोग किया जा सकता है एक कीमती रत्न बहुत ही सुंदर दुर्लभ व स्थाई होता है प्राकृतिक रत्नों मैं किसी भी प्रकार का कृत्रिम कार्य नहीं किया गया होता है|जिसके करण यह अत्यधिक कीमती होते है 

Synthetic Gemstones | कृत्रिम रत्न

मानव हाथों और मशीनों द्वारा प्रयोगशाला में कृत्रिम तरीके से बनाए गए रत्नों को ही सिंथेटिक रत्न कहा जाता है जिनमें कुछ प्राकृतिक रत्नों का बुरादा भी मिश्रित किया जाता है जिसके कारण यह कृत्रिम रत्न  दिखने में प्राकृतिक रत्नों के समान रासायनिक व भोतिक रूप से एक समान प्रतीत होते हैं परंतु यह कम मूल्यवान होते हैं  आज के आधुनिक युग में सभी प्रकार के प्राकृतिक रत्नों के समान दिखने वाले सिंथेटिक रत्न उपलब्ध हैं जिनको पहचान पाना एक साधारण व्यक्ति के द्वारा नामुमकिन है यह केवल निपुण जोहरी या प्रयोगशाला में ही पकड़ में आते है ज्योतिषी रूप से इनका असर सामान्य से भी कम रहता है यह दूसरे शब्दों में कह सकते हैं बिल्कुल ही न्यून रहता है |

Simulant or Fake Gemstones | नकली या कांच के रत्न

नकली रत्ना कुछ भी हो सकते हैं यह कांच व् शीशे के बने होते हैं जो प्राकृतिक रत्नों से बिल्कुल मिलते जुलते दिखाई देते हैं लेकिन उनमें प्राकृतिक रत्नों के समान भौतिक विशेषताएं व रासायनिक संरचना नहीं होती हैं यह नकली रत्न प्राकृतिक रत्नों की तुलना में अत्यंत सस्ते होते हैं यह कांच या प्लास्टिक का एक मिश्रण हो सकता है यह रत्न कोई फायदा नहीं देते हैं यह केवल सजावट के काम आते हैं एक कुशल जोहरी इनको बिना प्रयोगशाला में ले जाए इनका आसानी से पता लगा सकता है अतः रत्नों का चुनाव बड़ी सावधानी से तथा विश्वसनीय स्थान से ही किया जाना चाहिए जिससे आपके धन व समय की बचत हो सके |

Conclusion | सारांश

रत्नों के विषय में उपरोक्त दी गई जानकारी विश्वशनीय तथ्यों के आधार पर दी गई है तथा स्वयं के प्रयोग और दैनिक अनुभव प्रधान पर दी गई है| रत्न का प्रयोग हमारे लिए सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रकार से हो सकता है इसलिए रत्नों का चुनाव  बड़ी ही सावधानी के साथ करना चाहिए रत्ना बहुत कीमती भी होते हैं जिसके कारण यदि आप कोई गलत रत्न प्रयोग में ले लेते हैं तो वह दोनों प्रकार से आपको हानि दे सकता है जिससे आपके स्वास्थ्य,धन तथा सामान्य जीवन को प्रभावित करते हैं अतः रत्नों के बारे में सही जानकारी का होना अत्यंत आवश्यक है 

हमने आपको यहां पर रत्नों के आकर, प्रकार, रंग , वजन , उनकी कोमलता व् कठोरता , उनका प्रकति में किस प्रकार बनना व् पाया जाना इत्यादि बताया है आप हमारी दी गयी इस जानकारी से अगर संतुस्ट है तो हमे कमेंट जरुर करे , आपके सुझाव व् सन्देश की हम सराहना करते है 

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